ITI Full Form In Hindi: प्रत्येक छात्र को आजकल किसी न किसी भी विषय में टेक्निकल होना जरूरी है, लेकिन यह टेक्निकल कोर्स आप हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद कर सकते हैं। यह कोर्स सबसे सरल और आसान है। इसको सीखने के बाद आप जल्दी नौकरी पा सकते हैं।
ITI करने के बाद आपको नौकरी करने के बाद कहीं भी भटकना नहीं पड़ेगा, बल्कि आजकल तो इस कोर्स की बहुत ही ज्यादा डिमांड है। इस कोर्स को करने के बाद बहुत से छात्र अच्छी-अच्छी कंपनियों में जॉब भी कर रहे हैं।
पॉलिटेक्निक कोर्स को करने ले लिए कम से कम तीन वर्ष लगते है, जबकि यहाँ पर 6 महीने से लेकर 2 वर्ष का कोर्स होता है। इसमें फ़ीस भी कम लगती है, और समय भी।
आज के इस लेख में हम बताएँगे कि ITI का फुल फॉर्म क्या होता है और इसमें कौन-कौन सी ट्रेंड होती हैं। आईटी-आई कोर्स आप कहां से कर सकते हैं ? क्या आप प्राइवेट संस्थान से भी इस कोर्स को कर सकते हैं, कोर्स को करने के बाद आपको जॉब कहां-कहां मिलती है, और इसकी क्या उपयोगिता होती है सारी जानकारी इस आर्टिकल में देंगे।
Contents
ITI क्या है ? | What is ITI
ITI का फुल फॉर्म Industrial Training Institute है, जिसको हिंदी में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कहते हैं। यह कोर्स भारत में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। इसमें छात्रों को औद्योगिक स्तर पर कुशल बनाया जाता है। ITI करने के बाद कोई भी छात्र किसी बड़ी कंपनी में या खुद का कोई कारोबार डाल सकता है। जिससे वह अच्छी आमदनी कर लेगा। यहां पर आपको थ्योरी के अलावा प्रैक्टिकल वर्क भी सिखाया जाता है, जिससे किसी भी छात्र के पास एक विशेष क्षेत्र में हुनर प्राप्त हो जायेगा। हालॉकि इसमे बहुत सारे कोर्स होते है, स्टूडेंट अपनी रुचि के हिसाब से कोर्स को कर सकते है।
छात्र को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वह जो कोर्स चुन रहा है, उसमें उसमें मन लगाकर सीखना पड़ेगा। यदि वह जल्द ही सीख लेगा तो उसके पास आमदनी आना शुरू हो जाएगी। इसलिए जब भी आप कोर्स करें तो सोच समझकर ही करें।
ITI का फुल फॉर्म | ITI Full Form in Hindi
यह कोर्स लोगो को तकनीक क्षेत्र में रोजगार दिलाने में अहम भूमिका निभाता है। आजकल सभी लोग ITI कोर्स में अपनी रुचि दिखा रहे है। हिंदी में इसका अर्थ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होता है। कोर्स करने के बाद नौकरी की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
I – Industrial
T – Training
I – Institute
ITI में कौन कौन से कोर्स होते है ?
सबसे बड़ी दिक्कत छात्रों को यहीं से शुरू हो जाती है कि उन्हें कौन सा कोर्स करना चाहिए, क्योंकि आईटी-आई में बहुत सारे कोर्स हैं, तो छात्रों को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से सारे कोर्स की जानकारी पहले ही कर लेनी चाहिए क्योंकि आज के समय में बहुत से लोगों ने ITI का कोर्स करके जॉब भी पा ली है। बहुत से ऐसे पॉपुलर कोर्स है जो प्राइवेट संस्था में कराए जाते हैं जिनमें से इलेक्ट्रिशियन फिटर की सबसे ज्यादा मांग है। इसके अलावा और भी ट्रेडे है, जो नीचे दी गयी है।
- Fitter
- Electrician
- Carpenter
- Turner
- Machinists
- Book Binder
- Tool And Die Maker
- Mechanic Diesel
- Pattern Maker
- Foundry Man
- Surveyor
- Wire Man
- (Copa) Computer Operator And Programming Assistant
- Hair And Skin Care
- Mechanic AC
- Electrical
- Welder
- Stenographer Hindi Aur English
- Sewing Technology
- Plastic Processing Operator
दिए गए कोर्स कोई 2 वर्ष के हैं तो कोई 1 वर्ष का हैं। स्टूडेंट अपनी इच्छा अनुसार कोई भी एक कोर्स को कर सकता है।
ITI कोर्स करने के लिये कितनी फ़ीस लगेगी
बहुत से लोगों को यह परेशानी यह जानकारी नहीं होती है, कि सरकारी संस्था और प्राइवेट संस्था में कितनी फ़ीस लगती है तो मैं आपको बताना चाहूँगा कि सरकारी संस्था में महीने के ₹30 लगते हैं, जबकि बात करें प्राइवेट संस्था की तो वहां पर आपको 30000 से ₹40000 के बीच खर्चा आ जाएगा, यह तो डिपेंड करता है कि वह संस्थान कितनी फीस लेता है।
ITI में प्रवेश कैसे ले
ITI के फॉर्म मई के महीने में निकलते है। फॉर्म को अप्लाई केतने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाए। वहाँ से पहले ITI का फॉर्म भरना होगा। ITI में प्रवेश मेरिट लिस्ट के हिसाब से होता है। यानी कि जितना आपका हाई स्कूल का परसेंटेज होगा उतनी ही अच्छी आपको ट्रेड दी जाएगी इसलिए स्टूडेंट को चाहिए कि वह अपने हाईस्कूल के नंबरों को अधिक से अधिक लाएं जिससे उन्हें सरकारी कॉलेज में दाख़िला मिल सके।
जबकि प्राइवेट कॉलेजों में ऐसा नहीं होता है। वहां पर मेरिट से कोई लेना देना नहीं है। ITI विभाग प्रत्येक वर्ष वैकेंसी निकलता है जिसमें पूरे भारत वर्ष के छात्र फॉर्म को डालते हैं, और इसके करीब 2 महीने बाद यह चयनित छात्रों की सूची निकलता है।
यह सूचियां 4 बार निकाली जाती है। मतलब यह कि पहली सूची में जिन का परसेंटेज 90 या इससे ऊपर का होता है, तो उनका सिलेक्शन किया जाता है, और फिर 3 दिन या 4 दिन के अंतराल पर वह छात्र अपना एड-मिशन करा लेता है।
जिससे उसकी सीट कंफर्म हो जाती है। इसके बाद दूसरी तीसरी और चौथी लिस्ट आती है। बाद में प्रत्येक कॉलेजों से बची हुई सीटों का ब्यौरा मांगा जाता है, और फिर अगर वहां सीटें खाली होती हैं तो जिन छात्रों का सिलेक्शन नहीं हुआ आता है। रिक्त सीट होने पर अन्य अभ्यर्थियों को एडमिशन दे दिया जाता है।
फॉर्म भरने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
इच्छुक आवेदक के पास अपनी हाईस्कूल की मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र, फोटो और खुद के हस्ताक्षर होने चाहिए। यह फॉर्म भरने के लिए फीस भी देनी होगी। इस फॉर्म अपने नज़दीक के जन सेवा केंद्र से भरा सकते हैं। फॉर्म भर जाने के बाद उसके प्रिंट-आउट को संभाल कर रख ले।
आवेदक की उम्र सीमा
अभ्यर्थियों की उम्र 15 वर्ष से 40 वर्ष के बीच में होनी चाहिए तभी वह इस फॉर्म को भर सकता है।
फॉर्म भरने के लिए शैक्षणिक योग्यता
आईटी आई में योग्यता के हिसाब से ट्रेड को भी दो भागों में विभाजित किया गया है। कुछ ट्रेडों में हाई स्कूल से फॉर्म भरे जाते हैं। जबकि कुछ ट्रेडों में कक्षा 8 पास अभ्यर्थी ही लिए जाते हैं।
ITI करने से क्या लाभ होगा और इससे फायदा क्या होगा
आईटी-आई उन छात्रों के लिए एक अच्छा विकल्प है। जो पैसों की कमी के कारण आगे की पढ़ाई नही कर सकते है। जबकि ITI एक सस्ता और सरल कोर्स है। इसमें आप कम पैसे के साथ अच्छा कोर्स भी कर सकते है।
जबकि अन्य कोर्सो में अधिक समय और अधिक रुपए लगते हैं। जो हर कोई छात्र नहीं कर सकता है। इसलिए ITI एक बेहतर विकल्प है। आईटी-आई कोर्स की अवधि 6 महीने से लेकर 2 वर्ष तक होती है। जबकि अन्य कोर्स लगभग 2 वर्ष, 3 वर्ष, 5 वर्ष के होते हैं और उसमें फीस भी ज्यादा लगती है।
ITI कम्पलीट होने के बाद क्या करे ?
बहुत से छात्रों को यह नहीं पता होता है, कि ITI पास होने के बाद उन्हें क्या करना है और यही सबसे बड़ी गलती हो जाती है। अभ्यर्थी जब आईटीआई पास कर ले तो उसे तुरंत ही गवर्नमेंट की वेबसाइट पर जाकर जो की apprenticeship.gov.in है और उस पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फॉर्म भरने के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन आईडी दे दी जाती है। जिससे आप किसी भी कंपनी में बड़े ही सरल तरीके से अप्लाई कर सकते हैं और यह एक यूनीक आईडी होती है। गवर्नमेंट में ऐसे बहुत सारे विभाग हैं जो अप्रेंटिस कराते हैं।
इसके अलावा और भी कई सारी प्राइवेट कंपनियां होती हैं। जो छात्रों को अप्रेंटिस कराती हैं। यदि आप अप्रेंटिसशिप पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर लेते हैं। तो यहां पर भी कई गवर्नमेंट और प्राइवेट कंपनियां आती रहती हैं। और वहां से आप फॉर्म के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
अप्रेंटिस में छात्रों को वर्क सिखाया जाता है। जो उन्होंने स्कूल कॉलेज में सीखा है। वह यहां पर प्रैक्टिकली सिखाया जाता है। कार्य सिखाने के अलावा उनको महीने का सैलरी भी दिया जाता है। हर क्षेत्र में अलग-अलग सैलरी प्रदान की जाती है और सबसे अधिक अप्रेंटिसशिप रेलवे विभाग निकलता है।
अप्रेंटिसशिप की अवधि 1 वर्ष होती है 1 वर्ष के पश्चात जिस संस्थान से आप अप्रेंटिस कर रहे हैं। वह आपका एग्जाम करवाती है और पास होने पर आपको एक सर्टिफ़िकेट प्रदान करती है। यह सर्टिफ़िकेट आप महारत्न कंपनी और अन्य सरकारी विभागों में लगा सकते हैं जिससे आपको फायदा होगा।
अप्रेंटिस करने के बाद क्या नौकरी लग जाती है ?
कुछ लोग समझते हैं कि अप्रेंटिस करने से उनकी नौकरी निश्चित रूप से ही लग जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होता है। वह सिर्फ आपको 1 साल का वर्क एक्सपीरियंस लेटर देती है। लेकिन हां आप जिस भी विभाग से अप्रेंटिस करेंगे तो उसके बाद अगर उस विभाग में कोई भी नौकरी आएगी तो वहां पर आपको छूट मिलेगी। यह नहीं कि आपको उसमें नौकरी दे ही दी जाएगी ऐसा बिल्कुल नहीं होगा आपको भी वहां पर सारे नौकरी करने गए प्रोसेस को कंप्लीट करना होगा।
रेलवे विभाग से अप्रेंटिस करने पर छात्र को 20% पर्सेंट छूट दी जाती है। इस विभाग में ITI छात्रों की जरूरत हमेशा ही रहती है इसके लिए समय-समय पर यह विज्ञप्ति भी जारी करता रहता है।
अप्रेंटिस कैसे करें
इसके लिए सभी विभाग समय समय पर नोटिस निकालते रहते है। और यहां पर चयन हाईस्कूल और आईटी-आई दोनों के नंबरों को मिलाकर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। इसलिए छात्रों के हाईस्कूल और आईटी-आई में अच्छे नम्बरो का होना बहुत ही जरूरी है।
ITI पास करने के बाद नौकरी
सभी छात्रों को आईटी-आई करने के बाद इस बात की जिज्ञासा अधिक रहती है कि उनको जॉब कहां मिलेगी। और उनको कितनी सैलरी दी जाएगी। तो हम बताना चाहेंगे कि अगर आप प्राइवेट सेक्टर में जॉब करते हैं, तो वहां पर आप महीने का 10000 से ₹20000 आराम से कमा सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं, जैसे कि रेलवे विभाग,सरकारी फ़ैक्टरी, दिल्ली मेट्रो या अन्य कोई गवर्नमेंट डिपार्टमेंट तो वहां पर आपको महीने का 30000 से ₹50000 के बीच में सैलरी दी जाएगी।
सरकारी विभाग में जॉब पाने के लिए आपको लिखित परीक्षा और इंटरव्यू प्रणाली से गुजरना होगा। कोई किसी कंपनी में नौकरी नहीं करना चाहता है तो वह खुद का भी बिज़नेस कर सकता है।
गवर्नमेंट ITI और प्राइवेट ITI
दोनों की तुलना की जाए तो दोनों अपनी अपनी तरफ से बिल्कुल सही है। लेकिन सबसे अधिक नॉलेज की बात की जाए तो वह सरकारी कॉलेज में ही दी जाती है, बजाए प्राइवेट संस्था के। कुछ प्राइवेट कॉलेज ऐसे भी होते हैं जो स्टूडेंट से रुपए लेकर उन्हें डिग्री प्रदान करा देते हैं। इससे बच्चों को कुछ भी नॉलेज नहीं होता है वही सरकारी कॉलेज में छात्र को प्रत्येक दिन कॉलेज में जाकर पढ़ना पड़ता है।
महिलाओं के लिए भी ITI कोर्स
आईटी-आई में महिलाएं और लड़कियाँ दोनों ही कोर्स कर सकती हैं। इनके लिए यहां पर सिलाई का कोर्स, बुटीक का कोर्स पार्लर, मसाज इत्यादि का कोर्स सिखाया जाता है। जिससे यह अपने पैरों पर खड़ी होकर घर का खर्च आसानी से चला सकती हैं। यह कोर्स लड़कियों के लिए बहुत ही आसान है। जिससे वह कम समय में सीख कर अपने लिए आगे का भविष्य अच्छा बना सकती हैं।
ITI कोर्स करने के नुकसान
वैसे तो किसी भी कोर्स करने से कोई भी नुकसान नहीं होता है। लेकिन ITI कोर्स को बहुत लोगों ने कर रखा है। इससे सभी क्षेत्रों में नौकरी के लिए अधिक मारामारी हो गई है। क्योंकि यह कोर्स सबसे सस्ता और आसान है इसलिए सभी लोग इस कोर्स को करने के लिए कहते हैं कुछ लोग तो ऐसे ही भीड़ बढ़ाने के लिए डिग्री हासिल कर लेते हैं।
अगर कोई भी इच्छुक आवेदक ITI करना चाहता है, तो वह किसी ऐसे ट्रेड को चुने जिसमें वह आसानी से उस कार्य को सीख ले। क्योंकि बहुत से लोग क्या करते हैं वह कोर्स तो कर लेते हैं लेकिन उन्हें फिर कोई जानकारी नहीं होती है कि उनको करना क्या होता है। और इधर से उधर अपनी डिग्री लिए घूमा करते हैं, और लोगों से कहते हैं आईटी-आई मत करो इससे कोई भी फायदा नहीं होने वाला है।
सरकारी विभाग में ITI
सभी सरकारी विभागों में टेक्निकल लोगों की जरूरत हमेशा ही रहती है चाहे वह इलेक्ट्रीशियन हो रेफ्रिजरेटर का मैकेनिक सर्वेयर हो इन सबकी जरूरत तो रहती ही है। सबसे ज्यादा तो रेलवे में रहती है। ITI करने के बाद रेलवे में नौकरी करने के रास्ता कुछ हद तक साफ हो जाता है।
प्राइवेट क्षेत्र में नौकरियां
बहुत सारी ऐसी कंपनियां होती हैं जिन्हें टेक्निकल छात्रों की जरूरत होती है जैसे की बाइक बनाने वाले कंपनियां, मोबाइल फोन निर्माता कंपनियां यहां पर छात्र अपना रिज्यूम लगाकर नौकरी को पा सकते हैं प्राइवेट सेक्टर में कंपनियां 10 से 15 या ₹18000 की मासिक सैलरी प्रदान करती हैं।
Conclusion
हमने आपको आज की इस पोस्ट में ITI क्या होता है? और ITI Full Form in Hindi के साथ साथ आप इसको कैसे कर सकते है, आदि के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान की है। अगर आप भी ITI करना चाहते है, तो आपके लिए यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाली है।
ITI की डिग्री को आज के समय में काफी बेहतर डिग्री के रूप में देखा जाता है, लेकिन इसको करने के लिए पैसे के साथ साथ लगन और मेहनत की भी आवश्यकता होती है। ITI की डिग्री को लेकर आपके मन में किसी तरह का कोई सवाल है, तो आप हमे Comment Box में Comment करके पूछ सकते हैं। हम आपके प्रश्नों का उत्तर जारूर देगे।